भानगढ़ किला | भूतों का महल भानगढ़

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भानगढ़ किला | भूतों का महल भानगढ़

भानगढ़ किला : भानगढ़ किला (Bhangadh Fort) गोला गाँव के पास स्थित हैं जो कि अलवर जिले के सरिस्का अभ्यारण कि सीमा पर स्थित हैं। यह किला अपनी भौतिक बनावट से ज्यादा अपने भूतीया किस्सों व कहानियों के कारण ज्यादा प्रसिद्ध है तथा चर्चा में बना हुआ हैं। भानगढ़ दुर्ग का निर्माण लगभग 1573 ई. वी मे हुआ था। इस दुर्ग का  निर्माण आमेर के राजा भगवंत दास ने करवाया था। यह किला लगभग 300 वर्षों तक आबाद रहा16 वीं शताब्दी मे राजा सवाई मान सिंह के छोटे भाई राजा माधो सिंह ने भानगढ़ दुर्ग को अपना निवास बना लिया।

भानगढ़ किले (Bhangadh दुर्ग) कि बनावट

भानगढ़ किला: भानगढ़ किला का किला बहुत ही विशाल आकार में तैयार किया गया है। जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है तथा इस किले के अंदर बहुत ही बेहतरीन शिल्प कलाओं का प्रयोग किया गया है। भानगढ़ के मुख्य अवशेषों में प्राचीर  बाजार, हवेलियां, द्वार, मंदिर, शाही महल, छतरियां, मकबरा आदि है। शाही महल सात मंजिला माना जाता है परंतु अब इसकी 4 मंजिले ही शेष है पूरी बस्ती एक के बाद एक तीन सुरक्षा प्राचीरो से सुरक्षित की गई है। बाहरी  सुरक्षा प्राचीर में प्रवेश हेतु 5 द्वार बने हैं उत्तर से दक्षिण की ओर क्रमशः अजमेरी, लाहोरी, हनुमान, फुलवारी, एवं दिल्ली द्वार के नाम से जाना जाता है,  इसके लिए हण और मजबूत पत्थरों का प्रयोग हुआ है जो एक लंबे समय से अपनी यथा स्थिति में है।

इसके अलावा इस किले में कई मंदिर भी हैं जिनमे –

  1. भगवान सोमेश्वर
  2. गोपीनाथ
  3. मंगला देवी और
  4. केशवराय प्रमुख हैं

इन मंदिरों की दीवारों और खंभों पर की गई नक्काशी व कलाकृति से पता लगाया जा सकता है कि यह दुर्ग कितना भव्य और खूबसूरत रहा होगा।

भानगढ़ किले के नष्ट होने का कारण

(Reason for the destruction of Bhangarh Fort)

भानगढ़ दुर्ग के नष्ट होने के कई कारण हैं, लेकिन किसी को भी प्रत्यक्ष स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। वहां के आसपास के निवासियों के आधार पर चले तो दो कहानियां प्रचलित हैं :-

  1. योगी बालू नाथ का श्राप और
  2. तांत्रिक सिंधु सेवड़ा का श्राप

योगी बालू नाथ का श्राप

योगी बालू नाथ का श्राप: ऐसा माना जाता है कि भानगढ़ दुर्ग के बनने से पहले यहां इसके आसपास योगी बालू नाथ का तपस्या स्थल था जब महल का निर्माण करवाया गया तब राजा ने योगी जी से आज्ञा ली थी जिसके अनुसार योगी जी ने राजा को आज्ञा देते हुए कहा कि महल की ऊंचाई इतनी रखी जाएगी उसकी परछाई मेरे तपस्या स्थल पर न  आ पाए और अगर ऐसा हुआ तो यह दुर्ग नष्ट हो जाएगा राजा ने योगी जी की बातों का अनुसरण किया परंतु राजा के वंशज इसका अनुसरण नहीं कर पाए और महल का निर्माण जारी रखा जिससे महल की परछाई तपस्या स्थल पर जा गिरी और देखते ही देखते महल का सर्वनाश हो गया महल में कोई भी जीवित नहीं रह सका।

तांत्रिक सिंधु सेवड़ा का श्राप

तांत्रिक सिंधु सेवड़ा का श्राप: ऐसा कहा जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बहुत ही सुंदर व सुशील थी उसकी सुंदरता की प्रशंसा आसपास के राज्यों में भी हुआ करती थी कई राज्यों के राजकुमार उससे शादी करना चाहते थे । एक दिन राजकुमारी अपने राज्य के बाजार में घूमने गई और इत्र की दुकान से एक इत्र की बोतल ले और उसे महल में भिजवाने का आदेश दिया ठीक उसी दुकान के पास एक तांत्रिक जिसका नाम सिन्धु सेवड़ा था वह वहां खड़ा था जो राजकुमारी को देखे जा रहा था और राजकुमारी की सुंदरता पर मोहित हो गया राजकुमारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया जिससे तांत्रिक को क्रोध आया और उसने राजकुमारी को वश में करने के लिए दुकान से खरीदी इत्र पर वशीकरण जादू टोना कर दिया

लेकिन इसकी खबर राजकुमारी को पहले ही हो गई और उसने इत्र की बोतल को एक पत्थर की शिला पर गिरा दिया जिससे उस तांत्रिक की और आकर्षित हुई और तांत्रिक को कुचल दिया तांत्रिक ने मरते हुए श्राप दिया कि इस भानगढ़ दुर्ग में कोई भी जिंदा नहीं रहेगा यह सारा साम्राज्य नष्ट हो जाएगा इसके पश्चात अजबगढ़ भानगढ़ के बीच युद्ध हुआ जिसमें भानगढ़ की हार हुई और संपूर्ण साम्राज्य खत्म हो गया।

भानगढ़ किला के भूतिया होने का रहस्य

(Mystery of Bhangarh Fort being haunted)

भानगढ़ किला के आसपास में निवास करने वालों द्वारा यह देखा गया है कि जो सैनिक राजा अन्य जो युद्ध के दौरान खत्म हो गए थे उनकी आत्मा आज भी इस दुर्ग में निवास करती हैं पता रात के समय यहां से पायल में घुंघरू आदि की आवाजें आती हैं इन सब पर पुरातत्व वेताओं ने भी शोध किया है व अनेक जानकारियां इकट्ठा कि हैं तथा अब किला भारत सरकार की देख – रेख में आता है। किले के चारों और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम मौजूद रहती है यहां सूर्यास्त के बाद किसी को भी अंदर आने की अनुमति नहीं होती है ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद अगर कोई व्यक्ति इस में प्रवेश करता है तो वह या तो मृत्यु को प्राप्त हो जाता है या फिर वह  हमेशा के लिए पागल हो जाता है।

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1 thought on “भानगढ़ किला | भूतों का महल भानगढ़”

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